10th Bihar Board Objective And Subjective Question

(1). मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था?

उत्तर : डर के कारण।

(2). मछली शीर्षक कहानी किसने लिखी है?

उत्तर : विनोद कुमार शुक्ल ने।

(3). लेखक का जन्म कहाँ हुआ था ?

उत्तर: राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ में।

(4). लेखक के छोटे भाई का नाम क्या था?

उत्तर संतू ।

(5). मछली शीर्षक कहानी लेखक की किस कृति से संकलित है ?

उत्तर महाविद्यालय।

(6). संतू एक मकान के नीचे क्यों खड़ा हो गया ?

उत्तर भींगने से बचने के लिए।

(7). संतू क्यों उदास हो गया ?

उत्तर मछली के कटने के कारण।

(8). इतालवी भाषा में लेखक की किस कृति का अनुवाद हुआ है?

उत्तर : पेड़ पर कमरा’ कहानी संग्रह की ।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

(1). झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस  गए ?

उत्तर : झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में इसलिए घुस गए क्योंकि इस गली से घर नजदीक पड़ता था। दूसरे रास्ते में बहुत भीड़ थी। बाजार का दिन था। बूँदें भी पड़ने लगी थीं जिसके कारण उन्हें घर पहुँचने की जल्दी भी थी।

(2). मछलियों को लेकर बच्चों की क्या अभिलाषा थी?

उत्तर: मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा थी कि वे पिताजी से एक जिंदा मछली माँग लेंगे और उसे कुए में डालकर बड़ा करेंगे। मन होने पर बाल्टी से निकालकर खेलेंगे फिर कुँए में डाल देंगे।

(3). मछलियों लिये घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया ?

उत्तर : मछलियाँ ले घर आने के बाद बच्चों ने स्नानघर में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। फिर बाल्टी का आधा पानी निकालकर उसमें मछलियों को डाल दिया जिससे कि एक छोटी सी मछली निकलकर नाले में घुस गई। बच्चे टटोल-टटोलकर खोजे, नहीं मिलने पर घर के पीछे जाकर खड़े हो गए।

(4). मछली के बारे में दीदी ने क्या जानकारी दी थी? बच्चों ने उसकी परख कैसे की ?

उत्तर मछली के बारे में दीदी ने जानकारी दी थी कि मरी हुई मछली की आँखों में झाँकने से अपनी परछाई नहीं दिखाई देती है। बच्चों ने इसकी परख मरी हुई मछली की आँखों में झाँककर की।

(5). संतू क्यों उदास हो गया ?

उत्तर: संतू को लगा कि अब भग्गू मछली को काट देगा यही सोचकर यह उदास हो गया। वह चाहता था कि मछली को कुँए में डालकर बड़ी करे और फिर जब चाहे उसे बाल्टी से निकालकर खेले और फिर उसे कुँए में डाल दे।

(6). घर में मछली कौन खाता था और यह कैसे बनाई जाती थी ?

उत्तर : घर में मछली बच्चों के पिताजी खाते थे। मछली घर से बाहर बनती थी। मछली काटने के लिए अलग से पाटा था। इसे लेखक की माँ नहीं बल्कि पर का नौकर बनाता था क्योंकि लेखक की माँ भी मछली नहीं खाती थी और अपने बच्चों को भी खाने नहीं देती थीं।

(7). दीदी कहाँ थी और वह क्या कर रही थी ?

उत्तर : दीदी घर के अन्दर थी और वह लेटी हुई थी। जब उससे उसके भाइयों ने पूछा तो उसने कहा कि वह बाहर से दरवाजा बंद कर दे उसकी तबीयत ठीक नहीं थी।

(8). ‘अरे अरे’ कहता हुआ भग्गू किसके पीछे भागा और क्यों ?

उत्तर : अरे अरे कहता हुआ भग्गू संतू के पीछे भागा क्योंकि संतू तौलिए से मछली को लेकर भाग गया था। भग्गू को लगा कि संतू मछली को कुए में फेंक देगा फिर उसे डॉट पड़ेगी।

(9). मछली और दीदी में क्या समानता है ? स्पष्ट करें। 

उत्तर: मछली और दीदी में यह समानता है कि दोनों अपने प्रेम के लिए तड़प रही थी। जल से मछली को इतना गहरा प्रेम होता है कि वह उसके बिना जिंदा नहीं रह सकती। इसलिए जल से अलग होकर वह तड़प रही थी। दीदी को नरेन नामक लड़के से प्रेम था, वह घर आनेवाला था। शायद उसके पिताजी उसे उससे मिलने के लिए मना करते थे। इसीलिए वह तड़प रही थी और साड़ी से मुँह ढाँपकर सुबक रही थी।

(10). पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?

उत्तर: पिताजी दीदी से नाराज थे क्योंकि शायद दीदी नरेन नामक लड़के से प्रेम करती थी। पिताजी उस लड़के को पसंद करते थे परन्तु दीदी उस लड़के से मिलना चाहती थी शायद इसीलिए दीदी पिताजी से मार भी खाई थी।

(11). संतू के विरोध का क्या अभिप्राय है?

उत्तर संतू के विरोध का अभिप्राय है कि संतू प्राणी से प्यार करता है। वह मछली को मारना नहीं चाहता है। वह चाहता है कि मछली की नैसर्गिक सुन्दरता बनी रहे और वह उससे खेले। इस बहाने लेखक यह भी बताना चाहते हैं कि लड़की को लोग कमजोर समझते हैं। उसे जबरन किसी के पल्ले बाँध देते हैं परन्तु लड़की अगर किसी से प्रेम करती है तो उसे बुरा माना जाता है। उसे उससे दूर रहने की ताकीद करते हैं। उसकी स्वाभाविक सुन्दरता को बर्बाद करते हैं। उसे जानवर की जिन्दगी जीने को बाध्य करते हैं।

(12). दीदी का चरित्र चित्रण करें।

उत्तर : दीदी निम्न मध्यवर्गीय परिवार की लड़की है। वह प्राणि-मात्र से प्रेम करती है। वह कहती है कि मरी हुई मछलियों के मुँह में हम अपनी परछाई नहीं देख सकते हैं। मछली को मारना उसकी प्राकृतिक खूबसूरती को बर्बाद करना है तथा यह पाप है। वह अपने भाइयों से भी बहुत प्रेम करती है। जब उसका भाई वर्षा में भींगकर आता है तो उसे मीठी झिरकी देती है। फिर प्यार से उसे तौलिए से पोंछकर नए कपड़े पहनाती है और उसके बालों को सँवारती है। वह एक लड़के से भी प्यार करती है। वह उससे मिलना चाहती है, परन्तु उसके पिताजी उससे नाराज हो जाते हैं। अतः वह दुखी होती है, मछली की तरह तड़पती है लेकिन क्या कर सकती है वह लड़की जो ठहरी ।

(13). कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।

उत्तर : कहानी का शीर्षक मछली है। इसके बहाने लेखक प्राणी को प्रेम की सीख देते हैं। पूरी की पूरी कहानी मछली के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी की शुरुआत मछली की खरीद से शुरू होती है। संतू मछली को बचाना चाहता है परन्तु वह बचा नहीं पाता है। कहानी के मध्य में वह अपनी बहन की दशा भी मछली जैसी ही देखता है। इसके लिए उसे अच्छा नहीं लगता है। लेखक इस बहाने बताते हैं कि लड़की के साथ भी जानवरों जैसा ही व्यवहार होता है। कहानी के अंत में मछली के गंध से उसका पूरा घर महकने लगता है। इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है। इस तरह कहानी का शीर्षक ‘मछली’ बिल्कुल सार्थक है।

(1). ‘मछली’ कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।

उत्तर: प्रस्तुत कहानी ‘मछली’ हमारी पाठ्य-पुस्तक गोधूलि की है। इसे विनोद कुमार शुक्ल ने लिखा है। यह एक संस्मरण है। कहानी एक छोटे शहर के निम्न मध्यवर्गीय परिवार के भीतर के वातावरण, जीवन-यथार्थ और संबंधों को आलोकित करती हुई लिंग-भेद की समस्या को भी स्पर्श करती है।

लेखक के पिताजी दोनों भाइयों को लेकर मछली खरीदने जाते हैं। मछली खरीदकर दोनों को घर भेज देते हैं। वे दोनों छोटे रास्ते से घर आते हैं। बारिश भी होने लगती है। ये मछली को बचाना चाहते थे इसलिए झोले का मुँह खोलकर उसमें पानी भरना चाहते हैं, उन्हें लगता है कि मछली भाग जाएगी। झोला को कसकर पकड़े हुए घर आते हैं। घर आकर छोटा भाई अपनी बहन के पास जाता है वह झिरकी देती है परन्तु प्यार से फिर पानी पोंछकर साफ कपड़े पहना देती है। लेखक मछलियों को आधा बाल्टी पानी में डालते हैं। मछलियाँ उछलती हैं। एक छोटी मछली तो भागकर नाले में चली जाती है, फिर मिलती भी नहीं है। दीदी उन्हें बताती है कि मछली नालों से होते हुए, बड़ी नदी में चली जाएगी।

लेखक का नौकर मछली काटने की तैयारी करता है। लेखक दोनों भाई मछली की आँखों में परछाई देखना चाहते हैं क्योंकि उनकी दीदी ने उन्हें बताया या कि मरी हुई मछली की आँख में परछाई दिखाई नहीं देती है। इसलिए ये स्वयं परखना चाहते थे। लेखक का नौकर भग्गू मछली काटने लगता है। उसी समय लेखक का छोटा भाई संतू एक जिंदा मछली तौलिए में लेकर कुँए के पास भागता है क्योंकि वह उसे बड़ी करके उसके साथ खेलना चाहता है उसे जिंदगी देना चाहता है परन्तु भग्गू मछली पकड़ कर काट देता है।

लेखक की दीदी शायद नरेन नामक लड़के से प्रेम करती है, वह उससे मिलना चाहती है। शायद आज वह आनेवाला भी है परन्तु लेखक के पिता नहीं चाहते हैं कि वह उससे मिले। इसलिए दीदी को मारते हैं। वे नौकर को यह भी आदेश देते हैं कि जब नरेन यहाँ आए तो वह उसे पीटे। दीदी रो रही है। मछली और दीदी की जिन्दगी एक-सी लगती है। दोनों दूसरे के अनुसार जीते हैं। बाद में लेखक स्नान घर में घुसकर बाल्टी का पानी उड़ेल देते हैं, जिससे कि आदमी के कुकृत्य का दुर्गंध पूरे घर में फैल जाता है।

 

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